यदि आपका कोई अपना या परिचित पीलिया रोग से पीड़ित है तो इसे हलके से नहीं लें, क्योंकि पीलिया इतन घातक है कि रोगी की मौत भी हो सकती है! इसमें आयुर्वेद और होम्योपैथी का उपचार अधिक कारगर है! हम पीलिया की दवाई मुफ्त में देते हैं! सम्पर्क करें : डॉ. पुरुषोत्तम मीणा-98750-66111

Wednesday 7 March 2012

उपभोक्ता फोरम का आदेश नहीं मानने पर एक वर्ष की सजा

यमुनानगर, मुख्य संवाददाता : जिला उपभोक्ता विवाद निस्तारण फोरम के आदेशों को ठेंगा दिखाना एक कंपनी संचालक को भारी पड़ गया। फोरम ने उसे एक वर्ष कैद और 5 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न चुकाने पर एक माह की अतिरिक्त कैद काटनी पड़ेगी।

गांव खेड़ी दर्शन सिंह निवासी जसबीर सिंह ने गेटवे प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के संचालक जेडी सुरजीत सिंह के पास 8 नवंबर 2004 को कंपनी की योजना के तहत मारुति कार लेने के लिए 10,400 रुपये जमा करवाए थे। इसके अगले महीन 10,400 रुपये फिर जमा करवाए गए। तीन महीने के भीतर कार मिलने के आश्वासन पर उसने 29 दिसंबर को फिर 10,400 रुपये जमा करवाए।

तीन माह बाद जब जसबीर सिंह ने सुरजीत से संपर्क किया तो उसे 70 हजार और जमा करवाने को कहा गया, जो कि जसबीर ने 8 अप्रैल 05 को जमा करवा दिए। इसके बावजूद न तो उसे गाड़ी दी गई और न ही राशि लौटाई गई। इस पर जसबीर सिंह मामले को जिला उपभोक्ता एवं निस्तारण फोरम में ले गया।

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फोरम ने 27 अक्टूबर 10 को दिए फैसले में कंपनी संचालक को 90,800 रुपये का उपभोक्ता को 9 फीसदी की दर से भुगतान के अलावा कानूनी खर्चे के तौर पर 3300 रुपये देने को कहा। लेकिन, सुरजीत ने कोई राशि अदा नहीं की जिस पर गत 4 जनवरी को उसे जेल भेज दिया गया। कोर्ट में पेश होकर सुरजीत ने बताया कि उसकी बेटी की शादी है और वह दो महीने के भीतर राशि अदा कर देगा। इस पर उसे दो माह की मोहलत दे दी गई।

निर्धारित समय में भी जब सुरजीत ने अपने वादे का पालन नहीं किया तो मामला फिर उपभोक्ता फोरम में पहुंचा। सुरजीत ने फोरम में पेश होकर कहा कि वह गरीब है तथा दो छोटे बच्चों के अलावा अपाहिज पत्नी का भार उस पर है। इसलिए उसे सजा से माफी दी जाए। अपने फैसले में फोरम के अध्यक्ष दीनानाथ अरोड़ा व सदस्य डॉ. वीके शर्मा ने कहा कि आरोपी अपनी कंपनी खोलकर पैसे लेकर सदस्य बनाता था व उन्हें कम कीमत में वाहन देने के वादे कर उपभोक्ताओं को लुभा रहा था। जसबीर ने भी झांसे में आकर मोटी राशि जमा करवाई, लेकिन उसे न तो कार दी गई और न ही राशि लौटाई। यहां तक कि फोरम का आदेश भी नहीं माना। ऐसे व्यक्ति को छोड़ने से समाज में गलत संकेत जाएगा।

फोरम ने आरोपी सुरजीत सिंह को एक साल कैद की सजा सुनाने के साथ ही 5000 रुपये जुर्माना किया। इसके खिलाफ अपील दायर करने के लिए समय मांगने पर फोरम 9 अप्रैल तक के लिए एक लाख रुपये की जमानती आदेश दिए।-Updated on: Wed, 07 Mar 2012 07:57 PM, Jagran

No comments:

Post a Comment

Followers